एक चाँद मुक्तिबोध का था जो साहित्य के कड़वे यथार्थ का बिम्ब बना ' चाँद का मुंह टेढ़ा है ' एक आपका चाँद है जो साहित्यिक प्रतिमानों में नए यथार्थ को सामने ले कर उतरा है उल्टा होकर ..................
बहुत खूब कविता में मानवीय और काव्यात्मक प्रतिस्पर्धा खूब है
ye jungle ya to peeche chhoot gaya hai, ya fir kabhi nahi aayega....
जवाब देंहटाएं"chand ug aaya hai yaha, ulta hokar"
behtreen pratyay....
Bahut khoob! Sagar me gaagar!
जवाब देंहटाएंमन की अन्यतम अभिवयक्ति इस कविता में पर्दर्शित हो रही है .यें शब्द गहन दार्शनिक अर्थों को अधिग्रहित किये हुए हैं.
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
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एक चाँद मुक्तिबोध का था जो साहित्य के कड़वे यथार्थ का बिम्ब बना '
जवाब देंहटाएंचाँद का मुंह टेढ़ा है '
एक आपका चाँद है जो साहित्यिक प्रतिमानों में नए यथार्थ को सामने ले कर उतरा है उल्टा होकर ..................
बहुत खूब कविता में मानवीय और काव्यात्मक प्रतिस्पर्धा खूब है
बहुत सुंदर रचना है। ब्लाग जगत में द्वीपांतर परिवार आपका स्वागत करता है।
जवाब देंहटाएंpls visit...
http://dweepanter.blogspot.com