बुधवार, दिसंबर 23

वे कहते हैं ...

"एक पत्थर  है मार्क्सवाद और लेनिनवाद
बुर्जुआजी और साम्राज्यवाद का सर फोड़ने के लिए "

"नहीं
यह एक गुलेल है
जिस से यह पत्थर फेंका जाता है "

"नहीं, नहीं
यह एक विचार है
जो चलाता है उस हाथ को
जिस से तानी जाती है पत्थर फेंकने वाली गुलेल की कमानी" 

"मार्क्सवाद लेनिनवाद एक तलवार  है
साम्राज्यवाद के हाथों को काटने वाली "

"क्या ?
यह एक सिद्धांत है
जो साम्राज्यवाद के हाथों को नरमी से सहलाता है
उन्हें हथकड़ी  लगाने के मौके की तलाश में  "

क्या कर पाऊंगा मैं
अगर सारी ज़िंदगी मैं गुज़ार दूं मार्क्सवाद-लेनिनवाद को पढ़ते हुए

और जब बड़ा होऊं
तो यह भूल चुका होऊं
कि मेरी जेबों में भरे हैं पत्थर
और मेरी पिछली जेब में है एक गुलेल

और ऐन मुमकिन है
कि वो तलवार मेरी अंतड़ियों में धंसी  हो
और यह कि अब ये पांच मिनट
ब्यूटी  पार्लर  में भी सहारा नहीं दे पायेगा
किसी को !!

1 टिप्पणी:

  1. roque dalton ko mein ne bahut pahle padha tha english men, but vo chaav nahi ban paya tha jo abhi padhkar bana....iska anuvaad kisne kiya hai aur book kaha se publish hai....

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