शनिवार, अगस्त 1

यह लड़ाई देश बेचने वालों के खिलाफ देश बचाने वालों की है.



जनता में फूट डालो राज करो =====================

फाँसी हो गयी न... ! तो यह अंत थोड़े ही हो गया. इसके आगे अब तो शुरू होगा.


शुरू होगा नहीं हो चुका है. 3 अगस्त से मुस्लिम मुक्त भारत का ऐलान हिन्दू महासभा करने जा रही है.
तीन अगस्त याने सावन का पहला सोमवार, शिव के जलाभिषेक के लिए कांवरियों के जत्थे आना, और इन काँवरियों का फायदा राजनीति के लिए उठाना.

क्या हिन्दू मुसलमान की लड़ाई ही देश की असल लड़ाई है. और मुसलमान मुक्त भारत बनाने से देश की सारी समस्याएं हल हो जायेंगी?

क्या कोई भी देश अपने यहाँ से किसी दूसरी कौम को जड़ मूल नष्ट कर पाया है? पूरी दुनिया में ऐसा कोई भी देश है आपकी निगाह में ? हिटलर ने जर्मनी में ऐसा प्रयोग किया पर हुआ क्या ...

हिटलर को आत्महत्या करनी पड़ी और यहूदी आज इस्रायल में शान से बैठे हैं.

पाकिस्तान मुस्लिम देश बना, भारत धर्म निरपेक्ष. कौन ज्यादा सफल है? यह उदाहरण भी देख लीजिये.

तो आपको लगता है यह वर्चस्व की लड़ाई है. जब मुसलमानों पर हिन्दू वर्चस्व स्थापित हो जाएगा तब सब ठीक हो जाएगा.

सच में आपको लगता है ठीक हो जाएगा. आपको नहीं लगता पूरी दुनिया में हिन्दुओं की तादाद की तुलना में मुसलमानों की तादाद कितनी है? ऐसे में आपकी तथाकथित वर्चस्व की लड़ाई का सच में कोई नतीजा निकलेगा? आपको समझ में नहीं आता कि ऐसा करके आप अपने हिन्दू भाइयों के लिए ही पूरी दुनिया असुरक्षित बना लेंगे. क्या आप अमरीकन ईसाईयों की स्थिति नहीं देखते. जो अपनी ही बनाई चारदीवारी में कैद हो गए हैं.

क्या सच में एक साथ रहना इतना मुश्किल लगता है आपको कि इसकी तुलना में मुसलमानों से भारत को मुक्त कराना आसान लगने लगा है.

भारत मुसलमानों से खैर क्या मुक्त होगा बहरहाल इस बहाने आप अपनी सत्ता का सिंहासन ज़रूर और कुछ सालों के लिए सुरक्षित कर लेना चाहते हैं.


ऐसा होता है. ऐसा ही होता है. सत्ता का नशा आदमी को आदमी नहीं रहने देता.

सत्ता के नशे में आप बौरा गए हैं.

आप झूठ बोलते हैं.

आप धर्म का इस्तेमाल सत्ता के लिए करना चाहते हैं.

आप बड़े बड़े नेता, हमारे देश के भाग्य विधाता बने बैठे हैं.

आप हमें एकजुट नहीं देखना चाहते. आप हमारे एक साथ होने से डरते हैं.

आप हमारी एकता से डरते हैं. आप डरते हैं कि हम एक हो गए तो आप जिस तरह देश के संसाधन, देश का पानी, देश का खनिज, देश का लोहा कौड़ियों के मोल लुटा रहे हैं, और कारपोरेट कारपोरेट आकाओं से मोटा माल लेकर देश की लूट करा रहे हैं, वह नहीं हो पायेगी !!

आप डरते हैं कि हम हिन्दू मुसलमान एक हो गए तो हम आपसे सवाल करेंगे. हम आपसे बेरोजगारी के बारे में बात करेंगे. घोटालों में जो अरबों खरबों रुपया आप डकार कर बैठे हैं हम उसके बारे में पूछेंगे. हमारे पेट काटकर जमा किये हुए टैक्सों पर जो आप ऐश कर रहे हैं हम उसका जवाब मांगेंगे.

आप नदियाँ बेच रहे हैं, पानी बेच रहे हैं, शस्य श्यामला धरती जहां घर घर प्याऊ होते थे वहां आपने कारपोरेट का पानी खरीदने को जनता को मजबूर कर दिया.

हमारे प्यारे नौजवानों को जिन्हें उनके माँ-बाप नाजों से पालते हैं , दूध-बादाम खिलाकर मजबूत बनाते हैं, उनकी मेहनत को मामूली वेतन में कारपोरेट का गुलाम बनवा दिया, कि जब तक शरीर में दम रहे कारपोरेट उनका खून चूसे फिर नौकरी से निकाल फेंके.

आप ने डिग्रियाँ बेचीं, फिर नौकरियाँ बेचीं, इलाज बेचा, आदमी के अंग बेचे, बच्चे बेचे, सेक्स बेचा.....

यह सब आपने किया हुज़ूर बड़े मालिक, मेरे देश के कर्णधार !!

और यह कोई आपने पहली बार नहीं किया, और हमने पहली बार नहीं झेला. आप आज़ादी के समय से हमें हिन्दू मुसलमान बनाते रहे हो.

और आप क्या... आपसे पहले अंग्रेजों ने भी यही किया है. हिन्दू मुसलमान वाला पाठ आपने उनसे खूब बढ़िया सीखा. आप जनता को हिन्दू मुसलमान बनाने की परीक्षा में विशेष श्रेणी से उत्तीर्ण हैं सरकार.

1857 में जब हिन्दू मुसलमान मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लडे थे, तभी अंग्रजों ने देश कमजोर करने के इस अचूक ब्रह्मास्त्र की खोज कर ली थी. हिन्दू मुसलमान की एकता तोड़ दो !!

अब एकता का क्या... यह तो जुडवां बच्चों की भी तोड़ी जा सकती है. एक को बढ़िया खाने को दो , दूसरे को मांगने पर ही खाना दो. बस इतनी सी बात से दोनों के बीच कटुता आ जायेगी. और आप तो इसमें पी एच डी हैं.

जनता में फूट डालो राज करो ... अंग्रेजों का दिया यह पुराना गुरुमंत्र आप आज भी खूब मजे से जप रहे हैं.

जनता का ध्यान भटकाओ और देश की संपत्ति कारपोरेट को लुटाओ.

क्या बात है जनाब !! आप तो असली शातिर निकले ! अंग्रेजों के असली चेले !

तभी न इक्कीसवीं सदी में जहां आदमी चाँद से भी आगे पहुँच गया है आप जनता को चौदहवीं सदी की मूर्खताओं में धकेल रहे हैं.

अंग्रेजों में और आपमें अंतर यही है कि आप हमारा खून होकर हम से ही दगा कर रहे हैं. अँगरेज़ तो बाहर से आये थे, आप तो उनसे भी बड़े धूर्त, ठग और चालबाज निकले. आप अपनी ही औलाद का खून पी रहे हैं. अपनी औलाद का खून पीने वाले को क्या कहते हैं मुझे नहीं पता !!
भारत में असली लड़ाई हिन्दू मुसलमान की नहीं है. मैं इस बात के लिए किसी से भी तार्किक बहस के लिए तैयार हूँ. आइये और सिद्ध कीजिये कि लड़ाई हिन्दू और मुसलमान की है.

हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच लड़ाई का एक पूरा जाल रचा गया है. और यह जाल पहले अंग्रेजों ने रचा था इस बार षड्यंत्रकारी काले अँगरेज़ हैं.

हिन्दू मुसलमान की बहस करेंगे तो कोई राष्ट्र प्रेमी साबित हो जाएगा कोई राष्ट्र द्रोही साबित हो जाएगा. कट्टर हिन्दू अपनी बात कहेगा, कट्टर मुस्लिम मार काट पर उतारू हो जाएगा. लिबरल हिन्दू कमज़ोर मुसलमान के साथ खड़ा हो जाएगा.

माने पूरा देश हिन्दू मुसलमान में बँट जाएगा. और एक दूसरे पर इलज़ाम लगाएगा और बहस करेगा.

जो आराम से बैठे सत्ता की मलाई खा रहे हैं वे जनता में मल्ल युद्ध आयोजित कराके जज बनकर मज़ा भी लेंगे और इस मासूम जनता के लहू में डूबी इस स्वर्ण सत्ता का सुख भोगेंगे.

आप भी इस बात के खिलाफ अपने आसपास बात कीजिए. यह लड़ाई हिन्दू मुसलमान की नहीं है.
यह लड़ाई कमज़ोर बनाम ताकतवर की है.
यह लड़ाई देश बेचने वालों के खिलाफ देश बचाने वालों की है.


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